जीवन का गहरा दुख
यह बहुत से समय उभरता है जैसे एक भारी सागर . उस दर्द के बंधन में हमें भूल जाता है. आत्मा पछतावा रहता है, हर क्षण एक नया आहत लाता है. हर पल में
यह बहुत से समय उभरता है जैसे एक भारी सागर . उस दर्द के बंधन में हमें भूल जाता है. आत्मा पछतावा रहता है, हर क्षण एक नया आहत लाता है. हर पल में